हमारे बारे में
विद्युत मंत्रालय ने दिनांक 2 जुलाई, 1992 से स्वतंत्र रूप से कार्य करना शुरू किया। इससे पूर्व इसे ऊर्जा स्रोत मंत्रालय के नाम से जाना जाता था। वि़द्युत भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-III में प्रविष्टि 38 पर दिया गया समवर्ती सूची का विषय है। विद्युत मंत्रालय प्रमुख रूप से देश में वैद्युत ऊर्जा के विकास के लिए उत्तरदायी है। मंत्रालय परिदृश्य आयोजना, नीति बनाने, निवेश निर्णय हेतु परियोजनाओं की कार्रवाई, विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी, प्रशिक्षण एवं जनशक्ति विकास और थर्मल, जल विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण के संबंध में प्रशासन एवं कानून बनाने से संबंधित कार्य करता है। विद्युत मंत्रालय विद्युत अधिनियम, 2003, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रशासन और सरकार के नीति उद्देश्यों के अनुरूप, समय-समय पर यथा आवश्यक, इन अधिनियमों में संशोधन करने हेतु उत्तरदायी है।