हरित ऊर्जा गलियारा
1. "ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर" शीर्षक के तहत – अंत:राज्यीय पारेषण प्रणाली ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर चरण-I:
वर्ष 2015 में आईएनएसटीएस जीईसी स्कीम के कुल लक्ष्य के साथ 9700 सी.के.एम अंत:राज्यीय पारेषण लाइनों और 22600 एमवीए सब-स्टेशनों को आर्थिक कार्य संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। वर्तमान में 8 आरई समृद्ध राज्यों अर्थात आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु की राज्य पारेषण यूटिलिटियों (एसटीयूज़) द्वारा आईएनएसटीएस जीईसी स्कीम कार्यान्वित की जा रही है। परियोजना की लागत 10,141.68 करोड़ रुपये है, जिसमें एमएनआरई (4056.67 करोड़ रूपये) द्वारा 40% केंद्रीय अनुदान तथा केएफडब्ल्यू जर्मनी से 40% ऋण (500 मिलियन यूरो) और एसटीयूज़ द्वारा 20% इक्विटी भी शामिल है।
उपरोक्त 8 राज्यों में लगभग 24 गीगावॉट आरई विद्युत की निकासी के लिए परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं, जिनमें से लगभग 16.6 गीगावॉट आरई को चालू किया गया है और आईएनएसटीएस जीईसी के तहत स्थापित परियोजनाओं के माध्यम से ग्रिड के साथजोड़ा गया है।दिनांक 31.05.2023 तक की स्थिति के अनुसार, 8917 सीकेएम पारेषण लाइनों का निर्माण किया गया है और 21293 एमवीए सब-स्टेशनों को शुरू किया गया है। 8 राज्यों में से, 4 राज्यों नामत: राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु ने सभी परियोजनाएं पूरी कर ली हैं। शेष 4 राज्यों ने दिसंबर, 2023 तक और विस्तार प्रदान किए जाने का अनुरोध किया है। परियोजनाओं में देरी मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण, राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) मुद्दों और वन मंजूरी में देरी के कारण हुई है।
2."ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर" शीर्षक के तहत – अंत:राज्यीय पारेषण प्रणाली ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर चरण-II:
सीसीईए द्वारा जनवरी, 2022 में 10,750 सीकेएम अंत:राज्यीय पारेषण लाइनों और 27,500 एमवीए सब-स्टेशनों के कुल लक्ष्य वाली आईएनएसटीएस जीईसी-III स्कीम को अनुमोदित किया गया था। राज्य-वार विवरण नीचे दिया गया है:
राज्य
|
अनुमानित परियोजना लागत (करोड़ रूपये में) |
केंद्रीयवित्तीय सहायता(सीएफए) (करोड़ रूपये में) |
परिकल्पित पारेषण लाइनों की लंबाई (सीकेएम) |
सब-स्टेशनोंकी परिकल्पित क्षमता(एमवीए) |
परिकल्पित आरई अभिवृद्धि (मेगावाट) |
गुजरात |
3636.73 |
1200.12 |
5138 |
5880 |
4000 |
हिमाचल प्रदेश |
489.49 |
161.53 |
62 |
761 |
317 |
कर्नाटक |
1036.25 |
341.96 |
938 |
1225 |
2639 |
केरल |
420.32 |
138.71 |
224 |
620 |
452 |
राजस्थान |
880 92 |
290.70 |
1170 |
1580 |
4023 |
तमिलनाडु |
719.76 |
237.52 |
624 |
2200 |
4000 |
उत्तर प्रदेश |
4847.86 |
1599.80 |
2597 |
15280 |
4000 |
कुल |
12031 .33 |
3970.34 |
10753 |
27546 |
19431 |
परियोजना की लागत एमएनआरई से 3970.34 करोड़ रुपये की (अर्थात परियोजना लागत का 33 %) केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ 12031.33 करोड़ रूपये है। परियोजना लागत का शेष 67% केएफडब्ल्यूआरईसी/पीएफसी से ऋण के रूप में उपलब्ध है। पारेषण योजनाएं सात राज्यों की पारेषण यूटिलिटीज (एसटीयू), अर्थात् गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश द्वारा सात राज्यों में आरई विद्युत की लगभग 20 गीगावॉट से निकासी के लिए क्रियान्वित की जाएंगी। वर्तमान में एसटीयू पैकेज तैयार कर रहे हैं और परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए निविदाएं जारी करने की प्रक्रिया में लगे हैं। इस योजना के अंतर्गत परियोजनाओं की निर्धारित कमीशनिंग समयसीमा मार्च 2026 है |
इसके बाद, कुछ राज्यों ने जीईसी-Il स्कीम के अंतर्गत परियोजनाओं में संशोधन का अनुरोध किया था और इसे एमएनआरई द्वारा अनुमोदित किया गया है। स्कीम के अंतर्गत संशोधित परियोजनाओं पर विचार करते हुए राज्यवार संक्षिप्त जानकारी निम्नानुसार है:
राज्य
|
अनुमानित परियोजना लागत (करोड़ रूपये में) |
परिकल्पित पारेषण लाइनों की लंबाई (सीकेएम) |
सब-स्टेशनोंकी परिकल्पित क्षमता(एमवीए) |
परिकल्पित आरई अभिवृद्धि (मेगावाट) |
गुजरात |
3667 29 |
2470 |
7460 |
5100 |
हिमाचल प्रदेश |
489 49 |
62 |
761 |
317 |
कर्नाटक |
1036.25 |
938 |
1225 |
2639 |
केरल |
420.32 |
224 |
620 |
452 |
राजस्थान |
907.61 |
659 |
2191 |
2478 |
तमिलनाडु |
719.76 |
624 |
2200 |
4000 |
उत्तर प्रदेश |
4847.86 |
2597 |
15280 |
4000 |
कुल |
12088.58 |
7574 |
29737 |
18986 |
तथापि, परियोजनाओं में संशोधन के बाद कुछ राज्यों के मामले में परियोजना लागत में स्कीमों के अंतर्गत वृद्धि हुई है, विशेष राज्य के लिए सीएफए सीसीईए द्वारा अनुमोदित सीएफए तक ही सीमित होगा