द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू)/विद्युत व्यापार समझौता (पीटीए) के अंतर्गत पड़ोसी देशों के साथ विद्युत का सीमापार व्यापार लंबे समय से होता आ रहा है। अधिकार क्षेत्र में विनियामक दृष्टिकोणों में अधिक पारदर्शिता, स्थिरता और पूर्वानुमेयता के साथ विद्युत के सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए और विनियामक जोखिमों की धारणा को कम करने के लिए, विद्युत मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2016 में विभिन्न हितधारकों के परामर्श से "विद्युत के सीमा पार व्यापार पर दिशानिर्देश- 2016" जारी किए गए थे। विभिन्न हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के बाद, इसे संशोधित करने की आवश्यकता महसूस की गई। तदनुसार, हितधारकों के साथ उचित परामर्श के बाद दिनांक 18.12.2018 को विद्युत मंत्रालय द्वारा नए "विद्युत के आयात/निर्यात (सीमा पार) के लिए दिशानिर्देश - 2018" जारी किए गए हैं।
इन दिशानिर्देशों के उद्देश्य हैं:
क. भारत और पड़ोसी देशों के बीच विद्युत के आयात/निर्यात को सुगम बनाना;
ख. विद्युत के आयात/निर्यात के लिए एक गतिशील और मजबूत विद्युत अवसंरचना का विकास करना;
ग. देश में विद्युत के आयात/निर्यात से संबंधित विनियामक तंत्र में पारदर्शिता, निरंतरता और पूर्वानुमेयता को बढ़ावा देना;
घ. आयात/निर्यात के लिए विश्वसनीय ग्रिड प्रचालन और विद्युत का पारेषण।