सौभाग्य
सौभाग्य- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना
भारत सरकार ने शत-प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए देश के सभी गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। विभिन्न अध्ययनों पर विचार करते हुए, यह प्रकाश में आया कि घरेलू विद्युतीकरण में प्रमुख बाधाएं जागरूकता की कमी, नए कनेक्शन प्राप्त करने की लागत, जटिलता और कनेक्शन प्राप्त करने में आने वाली अन्य संभारिकी कठिनाई थी। इन आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देते हुए, भारत सरकार ने अक्तूबर, 2017 में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना - सौभाग्य योजना को व्यवस्थित रूप से डिजाइन और लॉन्च किया, जिसमें देश के सभी विद्युतीकृत घरों में अंतिम छोर कनेक्टिविटी और विद्युत कनेक्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। सौभाग्य स्कीम केंद्र और राज्यों के सहयोगात्मक और समेकित प्रयासों के साथ विश्व की सबसे बड़ी सार्वभौमिक विद्युतीकरण पहल में से एक है। यह दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) का एक समवर्ती कार्यक्रम है।
मुख्य विशेषताएं:
- कनेक्शन जारी होने के बाद ही, आर्थिक रूप से गरीब घरों के लिए निःशुल्क मीटर कनेक्शन और गरीबों को छोड़कर अन्य घरों के लिए 500 रुपये (10 मासिक किश्तों में विद्युत बिलों में समायोजित) का शुल्क।
- मौके पर पंजीकरण के लिए गांवों/गांवों के समूहों में शिविरों की स्थापना
- लाभार्थियों की पहचान और अपेक्षित दस्तावेज सहित इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग
- वेब आधारित निकट वास्तविक समय की निगरानी और प्रगति का अद्यतन
- दूरस्थ/कठिन क्षेत्रों में स्थित घरों के लिए एसपीवी आधारित स्टैंडअलोन सिस्टम
- स्कीम और इसके लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संचार योजना
- कार्यान्वयन के तरीके में राज्यों के लिए लचीलापन (विभागीय/टर्नकी/अर्ध-टर्नकी)
इस स्कीम का परिव्यय ₹16,320 करोड़ है, जिसमें ₹12,320 करोड़ की सकल बजटीय सहायता शामिल है। आरईसी इस स्कीम के प्रचालन के लिए नोडल एजेंसी है।
सौभाग्य स्कीम के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
(क) ग्रामीण क्षेत्रों के सभी गैर-विद्युतीकृत घरों में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और विद्युत कनेक्शन;
(ख) शहरी क्षेत्रों में सभी शेष आर्थिक रूप से गरीब गैर-विद्युतीकृत घरों के लिए अंतिम छोर कनेक्टिविटी और विद्युत कनेक्शन। जो गरीब नहीं हैं, उन शहरी घरों को इस स्कीम से बाहर रखा गया है;
(ग) दूरस्थ और दुर्गम गांवों/बस्तियों में स्थित गैर-विद्युतीकृत घरों के लिए सौर फोटोवोल्टिक (एसपीवी) आधारित स्टैंडअलोन प्रणाली, जहां ग्रिड विस्तार संभव नहीं है या लागत प्रभावी नहीं है।
इस स्कीम के अंतर्गत, विद्युत मंत्रालय द्वारा 26 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को ₹14,109 करोड़ (₹9,093 करोड़ के अनुदान सहित) अनुमोदित किए गए हैं, जिसके निमित्त दिनांक 30 जून, 2021 तक ₹8,840.9 करोड़ (₹5,408.44 करोड़ का अनुदान सहित) जारी किये गये हैं। 31 मार्च 2019 तक, देश ने सौभाग्य के अंतर्गत 262.84 लाख घरों (छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में 18374 घरों की एक छोटी संख्या को छोड़कर) का विद्युतीकरण किया - रिकॉर्ड 18 महीनों में एक उल्लेखनीय प्रगति हुई। सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण की उपलब्धि, जिसका अभिप्राय है कि विद्युत की 100% पहुंच राज्यों के मुख्य सचिवों द्वारा प्रमाणित की गई है। इसके अतिरिक्त, 7 राज्यों (असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) के अनुरोध पर, विद्युत मंत्रालय ने अतिरिक्त 19.09 लाख गैर विद्युतीकृत घरों, जो पहले विद्युतीकरण के लिए तैयार नहीं थे और मार्च, 2019 से पूर्व अपनी इच्छा व्यक्त की थी, को विद्युतीकृत करने के लिए समय विस्तार का अनुमोदन दिया। इसके संबंध में 18.85 लाख घरों का विद्युतीकरण किया गया है और राज्यों ने 31 मार्च, 2019 से पूर्व अभिज्ञात सभी इच्छुक घरों के 100% विद्युतीकरण की सूचना दी है।
सौभाग्य, प्रायः पूछे जाने वाला प्रश्न - सहायता लिए (1912) (302 KB, pdf)
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) - दिशानिर्देश (15.34 MB, pdf)
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना - सौभाग्य (2.07 MB, pdf)