ग्रामीण विद्युतीकरण
डीडीयूजीजेवाई के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण (आरई) की स्थिति
भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिए "दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना" शुरू की है। ग्रामीण विद्युतीकरण और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरणकी बुनियादी
सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए के लिए तत्कालीन राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) को डीडीयूजीजेवाई योजना में सम्मिलित किया गया है।
रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन डीडीयूजीजेवाई के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।विद्युत मंत्रालय ने डीडीयूजीजेवाई–आरई के तहत 1,20,804 अविद्युतीकृत गांवों के विद्युतीकरण
3,14,958 आंशिक रूप से विद्युतीकृत गांवों के सघन विद्युतीकरण और 396.45 लाख बीपीएल ग्रामीण परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए 921 परियोजनाओं को मंजूरी दे
दी है। 31 मार्च 2015 की स्थिति के अनुसार, 1,09,524 अविद्युतीकृत गांवों और 3,14,958 आंशिक रूप से विद्युतीकृत गांवों के सघन विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है और बीपीएल
परिवारों को 218.33 लाख मुफ्त बिजली कनेक्शन जारी कर दिया गया है।
डीडीयूजीजेवाई के वित्त पोषण का तंत्र इस प्रकार होगा :
इस योजना के अधीन वित्तीय सहायता इस प्रकार दी जाएगीः
एजेंसी |
सहायता का प्रकार |
सहायता की मात्रा (परियोजना लागत का %) | |
विशेष श्रेणी के राज्यों से भिन्न राज्य |
विशेष श्रेणी के राज्य |
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भारत सरकार | अनुदान | 60 | 85 |
यूटिलिटी/राज्य का अंशदान | अपनी निधि | 10 | 5 |
ऋण (वित्तीय संस्थाएं/बैंक) | ऋण | 30 | 10 |
निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने पर भारत सरकार से अतिरिक्त अनुदान |
अनुदान |
कुल ऋण घटक का 50% (30%) अर्थात 15% |
कुल ऋण घटक का 50% (10%) अर्थात 5% |
भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला अधिकतम अनुदान (जिसमें निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने पर दिया जाने वाला अतिरिक्त अनुदान भी शामिल है ) |
अनुदान | 75% | 90% |
यूटिलिटी (यूटिलिटियों) द्वारा किया जाने वाला अधिकतम अंशदान 10% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामलेमें 5%) होगा। लेकिन यूटिलिटी (यूटिलिटियों) का अंशदान
40% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में15%) तक हो सकता है, बशर्ते कि वे ऋण का लाभ नहीं उठाना चाहते हों। ऐसी यूटिलिटी (यूटिलिटियों) के मामले में, जो ऋण का
लाभ नहीं उठाते हैं, निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने पर अधिकतम पात्र अतिरिक्त अनुदान अभी भी 15% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में 5%) होगा। ऋण घटक आरईसी द्वारा या
अन्य वित्तीय संस्था/बैंक द्वारा दिया जाएगा।