संगठन के कार्य और कर्तव्य
- इलेक्ट्रिक विद्युत क्षेत्र में सामान्य नीति और ऊर्जा नीति और उसके समन्वय से संबंधित मामले (प्रतिपादन, स्वीकार्यता, कार्यान्वयन के संबंध में लघु, मध्यम और दीर्घावधि नीतियां, इन नीतियों का कार्यान्वयन एवं समीक्षा, कटिंग एक्रॉस क्षेत्र, ईंधन, क्षेत्र और अंतरादेशीय और अंतर्देशीय प्रवाह का ब्योरा)
- हाइड्रो-इलेक्ट्रिक विद्युत (25 मेगावाट क्षमता की तथा उससे कम की लघु/मिनी/माइक्रो हाइडल परियोजनाओं को छोड़कर) तथा थर्मल विद्युत और पारेषण एवं वितरण प्रणाली नेटवर्क से संबंधित सभी मामले।
- राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में हाइड्रो-इलेक्ट्रिक और थर्मल विद्युत, पारेषण प्रणाली नेटवर्क और वितरण प्रणालियों से संबंधित अनुसंधान, विकास एवं तकनीकी सहायता।
- विद्युत अधिनियम, 2003 (2003 का 36), ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 (2001 का 52), दामोदर घाटी निगम अधिनियम, 1948 (1948 का 14) और पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 (1966 का 31) में की गई व्यवस्था के अनुसार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड का प्रशासन।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, केंद्रीय विद्युत बोर्ड और केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग से संबंधित सभी मामले।
- निम्नलिखित उपक्रमों/संगठनों से संबंधित मामले:
(क). दामोदर घाटी निगम
(ख). भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (सिंचाई से संबंधित मामलों को छोड़कर)
(ग). नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड
(घ). नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड
(ड़). रूरल इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड
(च). नार्थ-ईस्टर्न इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड
(छ). पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
(ज). पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड
(झ). टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन
(ञ). सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड
(ट). केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान
(ठ). राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान
(ड). ऊर्जा दक्षता ब्यूरो
6. विद्युत क्षेत्र से संबंधित ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता से संबंधित सभी मामले।