Ministry of Power Home होम
अ अ+ अ- Facebook Twitter Instagram Skip to main content
  • English
  • हिन्दी

Search form

होम
  • हमारे बारे में
    • जिम्मेदारियां
    • मंत्रालय की संरचना
    • मंत्रालय के संगठनात्मक सेटअप
    • एमओपी के तहत संगठन
    • विद्युत मंत्रालय में इकाई-वार कार्य का आबंटन
    • प्रस्तुत करने का चैनल
  • सूचना का अधिकार
    • आरटीआई अधिनियम के बारे में
    • अग्रसक्रिय प्रकटन
    • जन सूचना अधिकारी
    • अपलोड आरटीआई ऑनलाईन
    • सीपीआईओ / प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों हेतु आरटीआई
  • निविदायें
  • शिकायत
  • संपर्क करें
    • कार्यालय / अनुभाग के प्रमुख
    • माननीय विद्युत मंत्री
    • मंत्रालय के सभी अधिकारी/कर्मचारी
    • कार्यालय / अनुभाग के प्रमुख
    • मंत्रालय के सभी अधिकारी/कर्मचारी
    • संबद्ध कार्यालय/स्वायत्त निकाय/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम/अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान इत्यादि
    • लिंक अधिकारी की व्यवस्था
    • नोडल अधिकारी (वेबसाइट)
  • स्क्रीन रीडर
Azadi ke Amrit Mahotsav Swach Bharat Abhiyan G20
  • अधिनियम और नियम
    • विद्युत् अधिनियम, 2003
    • ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001
    • डीवीसी अधिनियम 1948
  • उत्पादन
    • अवलोकन
    • भारतीय-विद्युत-परिदृश्य
    • उत्पादन क्षमता
    • क्षमता संवर्धन कार्यक्रम - 12 वीं पंचवर्षीय योजना और उससे आगे
    • उत्पादन रिपोर्ट
    • पर्यावरण की सुरक्षा
    • अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट
    • नवीकरण और आधुनिकीकरण
  • पारेषण
    • पारेषण अवलोकन
    • मेजर ग्रिड सबस्टेशन का पावर ग्रिड
    • लक्ष्य
    • राष्ट्रीय विद्युत् योजना
    • केंद्रीय और राज्य पारेषण यूटिलिटियां
    • पारेषण क्षेत्र में निजी भागीदारी
    • पारेषण संबंधी अधिकार-प्राप्त समिति
    • भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित ट्रांसमिशन योजनाएं
    • पावरग्रिड और विद्युत मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन
    • हरित ऊर्जा गलियारा
    • महत्वपूर्ण आदेश/दिशा-निर्देश/अधिसूचनाएं/रिपोर्टें
    • 500 गीगावाट गैर जीवाश्म ईंधन लक्ष्य
  • वितरण
    • इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस)
    • राष्ट्रीय विद्युत फंड
    • राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम)
    • विद्युत मंत्रालय और पीएफसी के बीच समझौता ज्ञापन
    • डीडीयूजीजेवाई
    • सौभाग्य
  • संशोधित वितरण योजना
    • अवलोकन
    • दिशानिर्देश
    • कार्यालय ज्ञापन
    • राज्य विद्दुत युटीलीटियों की छठी एकीकृत रेटिंग
    • राज्य बिजली कम्पनियों की प्रदर्शन रिपोर्ट
    • उदय
  • ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा पार गमन
    • अवलोकन
    • 2001 ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत नियम / विनियम
    • विद्युत् वाहन
  • अनुसंधान और प्रशिक्षण
    • प्रशिक्षण
    • प्रशिक्षण संस्थान
    • अनुसंधान और विकास
    • अनुसन्धान संस्थान
  • पोर्टल/डैशबोर्ड
    • नेशनल पावर पोर्टल
    • विद्युत प्रवाह
    • उदय डैशबोर्ड
    • उजाला
    • दीप ई - बिडिंग
    • तरंग
    • सौभाग्य डैशबोर्ड
    • समर्थ पोर्टल
  • ऊर्जा पारगमन समूह
    • G20 के बारे में
    • अध्ययन

वितरण

  • इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस)
  • राष्ट्रीय विद्युत फंड
  • राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम)
  • विद्युत मंत्रालय और पीएफसी के बीच समझौता ज्ञापन
  • डीडीयूजीजेवाई
  • सौभाग्य
Home » Content » अवलोकन

अवलोकन

          डीडीयूजीजेवाई के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण (आरई) की स्थिति          

भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिए "दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना" शुरू की है। ग्रामीण विद्युतीकरण और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरणकी बुनियादी

सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए के लिए तत्कालीन राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) को डीडीयूजीजेवाई योजना में सम्मिलित किया गया है।

रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन डीडीयूजीजेवाई के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।विद्युत मंत्रालय ने डीडीयूजीजेवाई–आरई के तहत 1,20,804 अविद्युतीकृत गांवों के विद्युतीकरण

3,14,958 आंशिक रूप से विद्युतीकृत गांवों के सघन विद्युतीकरण और 396.45 लाख बीपीएल ग्रामीण परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए 921 परियोजनाओं को मंजूरी दे

दी है। 31 मार्च 2015 की स्थिति के अनुसार, 1,09,524 अविद्युतीकृत गांवों और 3,14,958 आंशिक रूप से विद्युतीकृत गांवों के सघन विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है और बीपीएल

परिवारों को 218.33 लाख मुफ्त बिजली कनेक्शन जारी कर दिया गया है।

डीडीयूजीजेवाई के वित्त पोषण का तंत्र इस प्रकार होगा :

      इस योजना के अधीन वित्तीय सहायता इस प्रकार दी जाएगीः
 

एजेंसी

सहायता का

प्रकार

सहायता की मात्रा (परियोजना लागत का %)

विशेष श्रेणी के राज्यों

से भिन्न राज्य

विशेष श्रेणी के

राज्य

भारत सरकार अनुदान 60 85
यूटिलिटी/राज्य का अंशदान अपनी निधि 10 5
 ऋण (वित्तीय संस्थाएं/बैंक)  ऋण 30 10

निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने पर भारत

सरकार से अतिरिक्त अनुदान 

अनुदान

कुल ऋण घटक का 50%

(30%) अर्थात 15%

कुल ऋण घटक का 50%

(10%) अर्थात 5%

भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला

अधिकतम अनुदान (जिसमें निर्धारित

लक्ष्य प्राप्त करने पर दिया जाने वाला

अतिरिक्त अनुदान भी शामिल है )

अनुदान 75% 90%

 

यूटिलिटी (यूटिलिटियों) द्वारा किया जाने वाला अधिकतम अंशदान 10% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामलेमें 5%) होगा। लेकिन यूटिलिटी (यूटिलिटियों) का अंशदान

40% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में15%) तक हो सकता है, बशर्ते कि वे ऋण का लाभ नहीं उठाना चाहते हों। ऐसी यूटिलिटी (यूटिलिटियों) के मामले में, जो ऋण का

लाभ नहीं उठाते हैं, निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने पर अधिकतम पात्र अतिरिक्त अनुदान अभी भी 15% (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में 5%) होगा। ऋण घटक आरईसी द्वारा या

अन्य वित्तीय संस्था/बैंक द्वारा दिया जाएगा।

Page Updated On: 23/05/2017
  • नियम एवं शर्तें
  • वेब सूचना प्रबंधक
  • नागरिक अधिकार
  • कॉपीराइट नीति
  • इंट्रानेट
  • वेबसाइट नीतियां
  • फीडबैक
  • साइटमैप
  • सहायता
  • सम्बंधित लिंक्स

STQC Certification Badge

विषयवस्तु का स्वामित्व, अनुसरण तथा उसका अद्यतन विदयुत मंत्रालय, भारत सरकार, श्रम शक्ति भवन, रफी मार्ग, नई दिल्ली -1 द्वारा किया जाता है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा होस्ट की गई साईट |

अंतिम अद्यतन : 08 May 2025