पारेषण

देश की "केन्द्री य पारेषण उपयोगिता (सीटीयू)" और विद्युत मंत्रालय के अधीन प्रचालनरत एक "नवरत्न " कंपनी पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावर ग्रिड) अंतर्राज्यीतय पारेषण प्रणाली की योजना बनाने, कार्यान्वडयन करने, प्रचालन और रखरखाव करने तथा राष्ट्री य एवं क्षेत्रीय पावरग्रिडों के प्रचालन की जिम्मे‍वारी के साथ विद्युत पारेषण के कारोबार में संलग्नए है । पावरग्रिड एक सूचीबद्ध कंपनी है जिसकी 97.90 प्रतिशत शेयरधारिता भारत सरकार के पास और शेष संस्थािगत निवेशकों एवं जनता के पास है ।

पावरग्रिड द्वारा केन्द्री य क्षेत्र, अल्ट्रात मेगा विद्युत परियोजनाओं (यूएमपीपी), स्वीतंत्र विद्युत उत्पा दकों (आईपीपी) और अन्यड परियोजनाओं के अंतर्गत क्षमता वृद्धि के सृजन हेतु विभिन्ना पारेषण परियोजनाओं का कार्यान्वरयन किया जा रहा है । दिनांक 31 दिसंबर, 2014 की स्थिति के अनुसार कंपनी के स्वायमित्व। में लगभग 1,13,587 सीकेएम की पारेषण लाइनों का पारेषण नेटवर्क और लगभग 2,19,579 एमवीए की रूपांतरण क्षमता के साथ 188 ईएचवीएसी तथा एचवीडीसी उपकेन्द्र  हैं और वह इनका प्रचालन करती है । कंपनी द्वारा 99 प्रतिशत से अधिक की सतत उपलब्धंता पर अपने पारेषण नेटवर्क के जरिए देश में उत्पाीदित कुल विद्युत के लगभग 50 प्रतिशत का चक्रण जारी है । 

वित्त  वर्ष 2013-14 के दौरान कंपनी ने उल्ले खनीय वित्तीशय निष्पा्दन प्रदर्शित किया और 15,721 करोड़ रूपए के कुल कारोबार तथा 96,504 करोड़ रूपए के सकल परिसंपत्ति आधार के साथ 4,497 करोड़ रूपए का निवल लाभ अर्जित किया ।

कंपनी की एक 100 प्रतिशत सहायक कंपनी पावर सिस्ट म ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लि0 (पोसोको) द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी स्थासपित कर राष्ट्री य तथा क्षेत्रीय ग्रिडों का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया जा रहा है । कंपनी का मजबूत पारेषण नेटवर्क है और आधुनिकीकृत आरएलडीसी से वित्तर वर्ष 2013-14 के दौरान अल्पातवधिक खुली पहुंच (एसटीओए) के निष्पाादन के जरिए देश भर में लगभग 78.38 बिलियन यूनिटों (बीयू) के अंतर क्षेत्रीय ऊर्जा अंतरण में सुविधा मिली है ।

पारंपरिक स्रोतों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का एकीकरण विश्वग भर में एक शीर्षस्थ  प्राथमिकता है और ग्रीन एनर्जी का दोहन करने के लिए हमारे देश में इस पर विशेष ध्या्न दिया जा रहा है । सीईआरसी ने ग्रीन प्रमाण पत्रों (नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण पत्र अथवा आरईसी) में व्या पार हेतु एक कार्य ढांचा उपलब्ध  कराया है और पोसोको के नेशनल लोड डिस्पैाच सेंटर (एनडीएलसी) को इस प्रयोजनार्थ केन्द्रीकय एजेंसी के रूप में निर्दिष्टड किया गया है ।

सभी पांचों क्षेत्रीय ग्रिडों को आपस में जोड़ते हुए राष्ट्रसव्या पी सिंक्रोनेस पावरग्रिड 31 दिसंबर, 2013 को 765 के वी एस/सी रायचूर-शोलापुर की शुरूआत के साथ स्थांपित की गई है । 31 दिसंबर, 2014 की स्थिति के अनुसार लगभग 46,450 मे.वा.  की अंतर क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता के साथ राष्ट्री य ग्रिड की स्थागपना की गई है । 12वीं योजना के अंत तक (2016-17) अंतर क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता में लगभग 72,250 मे.वा. की वृद्धि करने की परिकल्परना की गई है ।

छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यि प्रदेश, सिक्किम, झारखंड, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे संसाधन संपन्नी और तटीय राज्यों  में मुख्य  रूप से आने वाले विभिन्न  स्वडतंत्र विद्युत उत्पानदकों (आईपीपी) की भारी विद्युत निकासी की जरूरत को पूरा करने के लिए लगभग 75,000 करोड़ रूपए (पावरग्रिड का हिस्सा  : लगभग 66,000 करोड़ रूपए) की अनुमानित लागत से 11 उच्चं क्षमता वाले विद्युत पारेषण कोरीडोरों (एचसीपीटीसी) को अंतिम रूप प्रदान किया गया है । उत्पा दन परियोजनाओं के समतुल्यो इन कोरिडोरों का कार्यान्व यन ढंग से शुरू किया गया है ।

12वीं योजना के दौरान अंतर्राज्यीयय पारेषण प्रणालियों का आगे और विकास करने के लिए कंपनी द्वारा लगभग 1,00,000 करोड़ रूपए के निवेश की परिकल्परना की गई है जिसमें राष्ट्री य ग्रिड क्षमता की वृद्धि हेतु अंतर क्षेत्रीय संपर्कों एवं विभिन्नज प्रणाली सुदृढ़ीकरण स्की्मों के अलावा, उच्च  क्षमता वाले विद्युत पारेषण कोरिडोरों (एचसीपीटीसी) का विकास शामिल है । इसका उपयोग लगभग 40,000 सीकेएम की पारेषण लाइनों और लगभग 1,00,000 एमवीए की रूपांतरण क्षमता द्वारा पारेषण प्रणाली को बढ़ाने के लिए किया जाएगा ।

विनियामक फोरम (एफओआर)/केन्द्री य विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) और नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की सलाह पर पावरग्रिड ने लगभग 43,000 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से 12वीं योजना में बड़े पैमाने पर परिकल्पित नवीकरणीय क्षमता के ग्रिड में एकीकरण हेतु पारेषण अवसंरचना की जरूरत तैयार की है। इस प्रयोजनार्थ 14 सितंबर, 2012 को ‘’ग्रीन एनर्जी को‍रीडोर्स’’ नामक एक रिपोर्ट जारी की गई है । इन कोरिडोरों का कार्यान्व यन भी शुरू हो गया है । देश में पारेषण नेटवर्क के विकास में राइट ऑफ वे (आर ओ डब्यून   ) का संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों पर प्रभाव को न्यूरनतम बनाना, लागत मितव्यगयी पारेषण कोरिडोर का समन्वित विकास, विद्युत अंतरण की जरूरत के अनुरूप लाइनों की अंतरण क्षमता के उन्नवयन में लोचशीलता चिंता के प्रमुख क्षेत्र हैं । इस दिशा में कंपनी अब +_  800 के वी  एचवीडीसी और 1200 के.वी.  1200 के.वी. यूएचवीएसी के उच्च0तर पारेषण वोल्टेवजों पर कार्य कर रही है । असम में विश्व.नाथ चरियाली से उत्त.र प्रदेश में आगरा तक जोड़ने वाले लगभग 2,000 किमी. लंबे +_  800 के वी, 6000 मे.वा. एचवीडीसी बाईपोल का कार्यान्व यन किया जा रहा है और यह विश्वब में ऐसी सबसे लंबी लाइनों में से एक होगी । इसी प्रकार विश्वय में उच्च तम वोल्टेाज स्तबर के 1200 के.वी.  यूएचवीएसी सिंगल सर्किट (एस/सी) और डबल सर्किट (डी/सी) जांच लाइनों की सफलतापूर्वक जांच बीना, मध्यवप्रदेश स्थित 1200 के.वी यूएचवीएसी राष्ट्री य जांच केन्द्री पर 1 1200 के.वी. बे के साथ की गई थी और इस समय क्षेत्रगत जांचें चल रही हैं ।

अपने राजस्व2 को बढ़ाने और अपने हितधारकों के लिए मूल्यी सृजित करने हेतु पावरग्रिड ने दूर संचार कारोबार में विविधीकरण किया और वह जम्मू  व कश्मीपर तथा पूर्वोत्त र राज्योंच आदि के दूरदराज के क्षेत्रों सहित सभी महानगरों, बड़े नगरों एवं कस्बों् को आधारभूत संपर्क उपलब्धो कराते हुए लगभग 30,000 किमी. के पान-इंडिया ब्रॉडबैंड टेलीकॉम नेटवर्क का प्रबंधन कर रही है । यह कंपनी प्रतिष्ठित ‘’राष्ट्री य ज्ञान नेटवर्क’’ परियोजना हेतु संपर्क उपलब्धध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा चुनी गई तीन एजेंसियों में से एक है । इस परियोजना का उद्देश्यि देश भर में आईआईटी, आईआईएससी आदि जैसे सभी ज्ञान केन्द्रों  को उच्चर गति वाले संपर्क से जोड़ना है । पावरग्रिड को इस परियोजना के लिए कार्यान्व यन एजेंसियों में से एक एजेंसी के रूप में नामित किया गया है और उसे पांच राज्योंा अर्थात आंध्र प्रदेश (आंशिक), तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में एनओएफएन नेटवर्क के विकास और रखरखाव का कार्य सौंपा गया है ।

इसके अलावा, पावरग्रिड देश के विभिन्नफ भागों में भारत सरकार की ओर से आर जी जी वी वाई कार्यों को शुरू कर वितरण सुधारों को आगे ले जाने में महत्वरपूर्ण भूमिका अदा कर रही है ।

पावरग्रिड दक्षिण एशिया में एक मजबूत प्रतिस्पंर्धी के रूप में उभरी है और वह पारस्पररिक लाभ हेतु संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए एक मजबूत सार्क ग्रिड को तैयार करने में सक्रिय भूमिका अदा कर रही है । इस समय भारत और भूटान, भारत और नेपाल तथा भारत और बंगलादेश के बीच विभिन्न  विद्युत अंतर कनेक्श न मौजूद हैं। इसके अलावा, भारत और भूटान तथा भारत और नेपाल के बीच अंतर कनेक्श न को सीमा पार विद्युत के व्या,पक आदान-प्रदान हेतु सुदृढ किया जा रहा है । इसके अलावा, भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र के नीचे अंतर कनेक्श न हेतु व्यजवहार्यता अध्यसयन को अंतिम रूप दिया जा रहा है और भारत तथा पाकिस्ताकन के बीच 500 मे.वा. अमृतसर (भारत)-लाहौर (पाकिस्ताान) एचवीडीसी संपर्क पर चर्चा चल रही है । इसके अलावा, पावरग्रिड द्वारा कई दक्षिण एशियाई, अफ्रीकी और मध्य  पूर्व के देशों सहित विभिन्नह राष्ट्री य ग्राहकों एवं अंतर्राष्ट्री य ग्राहकों को परामर्शी सेवाओं की पेशकश की जा रही है ।

पावरग्रिड ने विद्युत आपूर्ति श्रृंखला में सभी खंडों का एकीकरण करते हुए देश में स्माओर्ट ग्रिड प्रौद्योगिकी के विकास हेतु अग्रणी पहल शुरू की है । वितरण प्रणाली में पावरग्रिड ने पुडुचेरी सरकार के साथ मिलकर 70 से अधिक आयोजकों एवं अकादमिक संस्थािनों के खुले सहयोग के जरिए पुडुचेरी में एक उपभोक्ता -उपयोगिता विचार-विनिमयकारी प्रायोगिक स्माकर्ट ग्रिड/सिटी परियोजना तैयार की है । यह परियोजना कार्यान्वायनाधीन है और उन्नित मीटरिंग अवसंरचना (एएमआई) समाधान के प्रावधान के साथ पुडुचेरी में अंतरिम स्मा्र्ट ग्रिड नियंत्रण केन्द्र  स्थायपित किया जा चुका है तथा आउटेज प्रबंधन प्रणाली, मांग प्रतिक्रिया, माइक्रोग्रिड आदि जैसे अन्य  कार्य उत्तपरोत्तीर ढंग से किए जा रहे हैं । देश में अन्यत शहरों के लिए ऐसे कई स्मादर्ट शहरों की योजना बनाई गई है ।

स्माहर्ट पारेषण में पावरग्रिड ने देश भर में सभी पांच क्षेत्रों में विभिन्नय स्थाैनों पर पीएमयू (फेजर मेजरमेंट यूनिट्स) की स्थाीपना के जरिए अपनी व्यायपक क्षेत्र मापन प्रणाली (डब्यूमेज  ए एम एस) प्रायोगिक परियोजना में सिंक्रोफेजर प्रौद्योगिकी का कार्यान्व यन भी किया है जिससे ग्रिड की उत्कृाष्ट्ता, ओसीलेशन, एंगल/वोल्टेरज अस्थिरता, प्रणाली मार्जिन आदि जैसी ग्रिड में होने वाली घटनाओं और निर्णय समर्थकारी साधनों के बारे में बेहतर अवलोकन तथा स्थिति संबंधी जागरूकता पैदा करने में सुविधा मिलती है । पावर ग्रिड स्मा र्ट ग्रिड से संबंधित सरकार के कार्यकलापों के लिए प्रतिष्ठित "इंडिया स्मावर्ट ग्रिड टॉस्के फोर्स" सचिवालय में "नोडल केन्द्र " के रूप में भी कार्य करती है ।