वितरण

 

विहंगावलोकन
समग्र विद्युत क्षेत्र मूल्यग श्रृंखला में वितरण सबसे महत्ववपूर्ण कड़ी है।जनोपयोगी सेवाओं और उपभोक्तातओं के बीच एकमात्र इंटरफेस के रूप में यह समग्र क्षेत्र के लिए नकद बही है। भारतीय संविधान के अंतर्गत विद्युत एक समवर्ती विषय है और ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताभओं हेतु विद्युत के वितरण एवं आपूर्ति का दायित्व  राज्योंे पर होता है।

भारत सरकार वितरण क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्रीय क्षेत्र की/केंद्र द्वारा प्रायोजित विविध स्कीरमों के जरिए राज्योंु को सहायता प्रदान करती है।

समेकित विद्युत विकास स्कीयम (आईपीडीएस)
32,612 करोड़ रू के कुल परिव्यंय के साथ 20.11.2014 को अनुमोदित स्कीजम जिसमें भारत सरकार से 25,354 करोड़ रू की बजटीय सहायता शामिल है। स्कीकम के उद्देश्या निम्ना2नुसार हैं:
• शहरी क्षेत्रों में सब-ट्रांसमिशन एवं वितरण नेटवर्कों का सुदृढ़ीकरण।
• शहरी क्षेत्रों में वितरण ट्रांसफर्मरों/फीडरों/उपभोक्ताीओं की मीटरिंग।
• वितरण क्षेत्र को आईटी सक्षम बनाना और वितरण नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण।

12वीं एवं 13वीं योजनाओं के लिए आरएपीडीआरपी के रूप में जून,2013 में अनुमोदित वितरण क्षेत्र को आईटी सक्षम बनाने और वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण के घटक का इस स्की म में विलय कर लिया गया तथा 22,727 करोड़ रू. की बजटीय सहायता सहित 44,011 करोड़ रू. के अनुमोदित स्की म परिव्यकय को आईपीडीएस की नई स्कीिम में जोड़ दिया गया था।

दीनदयालउपाध्‍यायग्रामज्‍योतियोजना (डीडीयूजीजेवाई)

33,453करोड़ रू. की बजटीय सहायता सहित 44,033 करोड़ रू. के कुल परिव्य य के साथ 20.11.2014 को स्कीूम का अनुमोदन किया गया था। स्की म के उद्देश्यप निम्नाेनुसार हैं:
• कृषिएवंगैर-कृषिफीडर्सकोअलगकरना।
• ग्रामीणक्षेत्रों में सब-ट्रांसमिशन एवं वितरण नेटवर्कों का सुदृढ़ीकरण।
• ग्रामीणक्षेत्रों में वितरण ट्रांसफर्मरों/फीडरों/उपभोक्ताीओं की मीटरिंग।
• ग्रामीण विद्युतीकरण।
12वीं एवं 13वीं योजनाओं के लिए आरजीजीवीवाई के रूप में अगस्तण 2013 में अनुमोदित ग्रामीण विद्युतीकरण के घटक का इस स्कीेम में विलय कर लिया गया तथा 35447 करोड़ रू. की बजटीय सहायता सहित 39275 करोड़ रू. के अनुमोदित स्की4म परिव्यिय को डीडीयूजीजेवाई की नई स्कीहम में जोड़ दिया गया था।

राष्‍ट्रीय विद्युत निधि (एनएफएफ)

वितरण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने मार्च,2012 में राष्ट्री य विद्युत निधि (ब्या ज सब्सिरडी स्कीथम) की स्थारपना की ताकि आरजीजीवीवाई एवं आर-एपीडीआरपी परियोजना क्षेत्रों में शामिल न किए गए क्षेत्रों के लिए वितरण नेटवर्क में सुधार करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों में वितरण कंपनियों (डिस्कॉवम्सा) को संवितरित ऋणों पर ब्याएज सब्सिषडी प्रदान की जा सके। पात्रता हेतु पूर्व-शर्तें राज्योंप द्वारा किए गए कुछेक सुधारात्मरक उपायों से जुड़ी हैं और ब्या्ज सब्सि।डी की राशि सुधार से संबंधित मापदंडों में हुई प्रगति से जुड़ी हुई है।

वित्‍तीय पुर्नगठन स्की म

केंद्र सरकार से ट्रांजिशनल वित्त  तंत्र के जरिए सहायता के साथ राज्यध वितरण कंपनियों (डिस्कॉसम्से) की लघु अवधि देयताओं का पुनर्गठन करके उनकी वित्ती‍य स्थििति में सुधार लाने के लिए भारत सरकार ने अक्तूिबर 2012 में राज्या वितरण कंपनियों (डिस्कॉ म्सत) के वित्ती य पुनर्गठन हेतु स्कीणम अधिसूचित की है।